Auraiya: हमारे समाज में सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों के व्यवहार को लेकर कई बार नकारात्मक धारणाएं होती हैं, लेकिन औरैया के जिलाधिकारी इंद्रमणि त्रिपाठी ने यह साबित कर दिया कि मानवीयता और सादगी से किसी भी समस्या का समाधान सरलता से हो सकता है।
हाल ही में डीएम कार्यालय में एक मजदूर अपनी समस्या लेकर आए। डीएम साब ने न सिर्फ उसकी समस्या सुनी, बल्कि जब उसने बताया कि वह दूर गांव से आया है, तो उन्होंने उसकी यात्रा और भूख की चिंता भी की। मजदूर ने बताया कि वह परांठे बांधकर लाया है, जिस पर डीएम साब ने उससे कहा, “खिलाओगे, तभी तुम्हारा काम करूंगा।” यह सुनकर मजदूर हैरान रह गया, लेकिन डीएम त्रिपाठी ने बिना झिझक उसके परांठे खाए और उसकी तारीफ भी की।
इस छोटे से वाकये ने कार्यालय का माहौल पूरी तरह से बदल दिया। सभी लोग यह देखकर अचंभित हो गए कि एक जिलाधिकारी इतनी सरलता से एक मजदूर के भोजन को स्वीकार कर सकता है। इससे मजदूर को अपने काम से ज्यादा खुशी इस बात की हुई कि डीएम साब ने उसका भोजन किया और उसकी गरीबी को महत्व न देकर उसकी मेहनत और सादगी की सराहना की।
अगर हमारे देश के अधिकारी और नेता इसी प्रकार का सादगीपूर्ण और मानवीय व्यवहार अपनाएं, तो जमीनी विवाद और अन्य समस्याओं का निस्तारण बेहद सरल और प्रभावी तरीके से हो सकता है। इससे समाज में जाति-पाति और वर्ग भेदभाव की दीवारें टूट सकती हैं और एक वास्तविक रामराज्य की कल्पना साकार हो सकती है।
डीएम इंद्रमणि त्रिपाठी जैसे अधिकारी समाज के लिए एक उदाहरण हैं। उनका यह व्यवहार दिखाता है कि उच्च पदों पर रहते हुए भी अगर अधिकारी मानवीय दृष्टिकोण और सादगी अपनाएं, तो समाज में सकारात्मक बदलाव लाए जा सकते हैं।