औरैया – (रिपोर्ट: अमित परमार) : औरैया में एक महत्वपूर्ण कानूनी निर्णय के तहत, मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) न्यायालय ने एचडीएफसी बैंक के मैनेजर और कर्मचारियों के विरुद्ध धोखाधड़ी का मामला दर्ज करने और जांच करने का आदेश जारी किया है। यह आदेश हरिओम शुक्ला द्वारा दायर एक प्रार्थना पत्र के आधार पर दिया गया है, जिसमें उन्होंने बैंक पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
हरिओम शुक्ला की शिकायत
अजीतमल कोतवाली क्षेत्र के ग्राम बल्लापुर निवासी हरिओम शुक्ला ने 28 जुलाई 2023 को धारा 156 (3) के तहत सीजेएम कोर्ट में प्रार्थना पत्र दायर किया। उन्होंने अपनी शिकायत में बताया कि एचडीएफसी बैंक ने उनके खाते से बिना उनकी जानकारी के 25 हजार रुपये की फिक्स डिपोजिट बना दी। जब उन्होंने इस पर आपत्ति जताई और बैंक के टोल फ्री नंबर पर संपर्क किया, तो उन्हें अगले दिन ब्रांच में जाकर बात करने को कहा गया।
बैंक की प्रतिक्रिया और धोखाधड़ी
बैंक जाने पर हरिओम शुक्ला ने प्रार्थना पत्र दिया और उच्चाधिकारियों से भी शिकायत की, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं की गई। इस बीच, उन्होंने अपनी शिकायत को रिजर्व बैंक को टैग करके एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर पोस्ट किया। इसके बाद साइबर अपराधियों ने एचडीएफसी बैंक केयर्स नाम से कॉल की और उनके खाते से 50 हजार, फिर एक लाख और पुनः 50 हजार रुपये डेबिट हो गए।
न्यायालय का निर्णय
हरिओम शुक्ला का आरोप है कि बैंक मैनेजर और कर्मचारियों ने मिलकर उनके साथ 2 लाख 25 हजार रुपये की धोखाधड़ी की। इस मामले में पहले दिनांक 18 अक्टूबर 2023 को सीजेएम कोर्ट ने उनके प्रार्थना पत्र को निरस्त कर दिया था। इसके बाद याची ने सत्र न्यायालय में दंड निगरानी प्रस्तुत की। एडीजे ने सुनवाई कर इस आदेश को निरस्त करते हुए पुनः सुनवाई के लिए सीजेएम कोर्ट को आदेशित किया।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट जीवक कुमार सिंह ने हरिओम शुक्ला का प्रार्थना पत्र स्वीकार करते हुए कोतवाली को आदेश दिया कि मामले में अभियोग पंजीकृत कर नियमानुसार विवेचना कराई जाए। कोर्ट ने यह भी लिखा कि फिक्स डिपोजिट फार्म पर हस्ताक्षर फर्जी हैं या नहीं, यह जांच में स्पष्ट होगा।
यह मामला एक गंभीर मुद्दा है, जो उपभोक्ताओं के अधिकारों और बैंकों की जिम्मेदारियों को उजागर करता है। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के इस आदेश से उम्मीद है कि मामले की सही तरीके से जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। हरिओम शुक्ला की इस लड़ाई से अन्य उपभोक्ताओं को भी अपनी आवाज उठाने की प्रेरणा मिलेगी, ताकि वे अपने अधिकारों के लिए संघर्ष कर सकें।