जालौन के उरई में डकोर कोतवाली पुलिस ने मानवता की सारी हदें पार करते हुए एक युवक को इस कदर पीटा कि उसने लॉकअप में ही दम तोड़ दिया। पुलिस ने थर्ड डिग्री टॉर्चर का प्रयोग कर युवक को बेदम कर दिया। आनन् फानन में पुलिस कर्मियों ने युवक के शव को जिला अस्पताल के इमरजेंसी के सामने छोड़कर फरार हो गए थे । मृतक के पूरे शरीर पर चोटों के निशान पुलिस की बर्बरता की कहानी बयां कर रहे हैं। जालौन जिले में 13 जुलाई को पुलिस कस्टडी में युवक की मौत का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। घटना के बाद जिले में हड़कंप मच गया है। जिला अधिकारी (डीएम) राजेश कुमार पांडेय ने इस मामले की मजिस्ट्रियल जांच के आदेश दिए हैं।
डीएम राजेश कुमार पाण्डेय का सख्त रुख:
डीएम ने एसओजी प्रभारी सत्येंद्र सिंह यादव और डकोर थाना प्रभारी राजेश कुमार को लाइन हाजिर कर दिया है। मजिस्ट्रियल जांच के लिए एडीएम नमामि गंगे विशाल यादव को नामित किया गया है। वीडियोग्राफी के बीच मृतक का पोस्टमार्टम कराया गया है, ताकि जांच में किसी प्रकार की त्रुटि न हो।
सत्येंद्र सिंह यादव: विवादों से पुराना नाता
सत्येंद्र सिंह यादव एक समय अपने सराहनीय सेवा के लिए सम्मानित हो चुके हैं। 26 जनवरी 2022 को उन्हें डीजीपी का सराहनीय सेवा सम्मान चिन्ह मिला था। वे इटावा और औरैया में एसओजी प्रभारी रहे हैं और अपने कार्यकाल में कई बड़े मामलों का खुलासा किया है लेकिन एसओजी प्रभारी सतेन्द्र यादव का विवादों से पुराना नाता रहा है। पूर्व में औरैया में एसओजी प्रभारी रहते हुए उन्होंने एक पत्रकार के खिलाफ फर्जी मुकदमा दर्ज कराया था। इस मामले की शिकायत पर शासन ने उन्हें गैर जनपद ललितपुर ट्रांसफर कर दिया था और तत्काल औरैया से कार्यमुक्त कर दिया गया था।
घटना का विवरण:
11 जुलाई को जालौन के डकोर क्षेत्र में मृतक संतोष कुमार उर्फ मखंचू का शव बेतवा नदी पुल के नीचे लहूलुहान हालत में मिला था। पत्नी सरिता की तहरीर पर डकोर पुलिस ने रामकुमार और अन्य के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। आरोप था कि सभी आरोपी संतोष को लेकर गए और सिर पर पत्थर मारकर उसकी हत्या कर दी। पुलिस के अनुसार, इसी हत्या के सिलसिले में राजकुमार परिहार को पुलिस ने गिरफ्तार किया था। पूछताछ के दौरान राजकुमार की तबीयत बिगड़ गई और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस का दावा है कि युवक की मौत गंभीर बीमारी के कारण हुई, लेकिन मृतक के परिजनों ने पुलिस पर थर्ड डिग्री टॉर्चर का आरोप लगाया है।
सीएमएस जालौन का बयान:
जिला अस्पताल के सीएमएस डॉ. अनिल राज ने बताया कि पुलिस ने बिना कागजी कार्रवाई के शव को इमरजेंसी के सामने छोड़ा। अस्पताल के कर्मचारियों ने पुलिस को सूचना देने के लिए वार्ड बॉय को भेजा, लेकिन पुलिस ने उसे भी हिरासत में ले लिया।
मृतक के परिजनों परिजनों के आरोप:
मृतक के परिजनों का कहना है कि पुलिस ने राजकुमार को बेरहमी से पीटा, जिसके कारण उसकी मौत हुई। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस ने मृतक के शरीर पर मौजूद चोटों के निशानों को छुपाने की कोशिश की। युवक की मौत के बाद पुलिस ने मृतक के परिजनों को पूरे दिन छिपाकर रखा। मीडिया की नजरों से बचाकर पुलिस ने दिनभर परिजनों को अपनी हिरासत में रखा।
मृतक रामकुमार के शरीर पर चोटों के निशान पुलिस की बर्बरता की गवाही दे रहे थे। सिर से लेकर पीठ तक, हाथों की हथेलियों, पैर के पंजों और पुट्ठों पर चोटों के निशान थे। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम करवाकर दाह संस्कार करवा दिया है, अब परिजनों को पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इन्तेजार हैं जिससे सच्चाई सामने आ सके और उन्हें न्याय मिल सके!
विपक्ष का हमला:
कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी ने इस घटना पर ट्वीट करते हुए कहा, “पुलिस का काम जनता की सुरक्षा करना है। उत्तर प्रदेश हत्या और जुल्म का पर्याय बन चुका है। हिरासत में मौतों के मामले बढ़ गए हैं, जो जनता के लिए बेहद घातक है। प्रदेश सरकार को क्रूरता पर लगाम लगानी चाहिए और कानून व्यवस्था बहाल करनी चाहिए।
खबरों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश के जालौन जिले में एक व्यक्ति की पुलिस हिरासत में मृत्यु हो गई। परिजनों का आरोप है कि उनकी मृत्यु पुलिस की पिटाई से हुई है।
पुलिस का काम आम जनता की सुरक्षा करना है। क्रूरता, जुल्म और हत्या का पर्याय बनना नहीं है। उत्तर प्रदेश में हिरासत में मौतों… pic.twitter.com/un971YeN4J
— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 14, 2024
जालौन पुलिस की सफाई:
पुलिस के अधिकारियों ने इस मामले में कुछ भी कहने से बचने की कोशिश की। पुलिस का कहना है कि हत्यारोपी बीमार था, जिसके चलते उसकी मौत हुई, लेकिन मृतक के शरीर पर थर्ड डिग्री टॉर्चर के निशान जांच की दिशा बदल सकते हैं। सूत्रों का कहना है कि सत्येंद्र यादव और उनके सहयोगियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज हो सकता है और उनकी गिरफ्तारी भी संभव है।
— JALAUN POLICE (@jalaunpolice) July 14, 2024
जालौन में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत का मामला बेहद गंभीर है और इसने प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। अब देखना होगा कि जांच के परिणाम क्या आते हैं और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है। यह घटना पुलिस प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करती है और न्याय की मांग करती है।