Auraiya Bangladeshi Case : औरैया बांग्लादेशी प्रकरण ने जिले में हलचल मचा दी है। 17 सितंबर को सहार थाना औरैया (Sahar Thana Auraiya) पुलिस ने गांव पुरवा रावत में सड़क किनारे कबाड़ की दुकान से एक 65 वर्षीय व्यक्ति को गिरफ्तार किया। जांच में सामने आया कि वह भारतीय नहीं बल्कि बांग्लादेशी नागरिक इस्लाम है। यह गिरफ्तारी पूरे जिले में चर्चा का विषय बन गई और सवाल उठने लगे कि इतने वर्षों तक यह व्यक्ति यहां किसके संरक्षण में रह रहा था।


पूछताछ में झूठे दावे, जांच में खुला सच
गिरफ्तारी के बाद इस्लाम ने पुलिस को बताया कि उसकी बेटी आगरा में रहती है और उसने उसे पैसे भेजे। लेकिन पुलिस की जांच में यह दावा झूठा निकला। दरअसल, वह कबाड़ का काम करता था और बीमारी के दौरान उसका इलाज कबाड़ मालिक ने कराया था। खर्च के बाद मजदूरी से रुपये काटे गए थे। यह तथ्य उजागर होते ही मामला केवल व्यक्तिगत झूठ तक सीमित नहीं रहा बल्कि एक व्यापक बांग्लादेशी अवैध घुसपैठ (Bangladeshi Illegal Infiltration) की ओर इशारा करने लगा।
पुरानी शिकायतें और अनदेखी
जनवरी में ही एक गो सेवक ने शिकायत की थी कि पुरवा रावत गांव बांग्लादेशी नागरिकों का ठिकाना बन चुका है और यहां करीब 32 लोग अवैध रूप से रह रहे हैं। आरोप यह भी था कि स्थानीय स्तर पर इन्हें आधार और वोटर कार्ड तक जारी कर दिए गए हैं। उस समय शिकायत को गंभीरता से नहीं लिया गया और मामले को बंद कर दिया गया। अब इस्लाम की गिरफ्तारी ने उस पुरानी शिकायत को फिर से जीवित कर दिया है और पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े हो गए हैं।

सफेदपोशों और पनाहगारों पर संदेह
गांव में बांग्लादेशियों की मौजूदगी ने स्थानीय राजनीति और प्रशासन को कटघरे में खड़ा कर दिया है। आरोप है कि कुछ सफेदपोश नेताओं और प्रभावशाली लोगों ने वोट बैंक के लिए इन्हें पनाह दी। उन्हें रहने के लिए मकान उपलब्ध कराए गए, पहचान पत्र बनवाए गए और योजनाओं का लाभ दिलाया गया। अब जांच इन्हीं पनाहगारों पर केंद्रित हो रही है।


कॉल डिटेल रिपोर्ट से खुल सकते हैं नाम
पुलिस ने इस्लाम का मोबाइल फोन जब्त कर उसकी कॉल डिटेल रिपोर्ट निकालनी शुरू कर दी है। अधिकारियों का मानना है कि इससे यह साफ होगा कि वह किन-किन लोगों के संपर्क में था और किसके संरक्षण में रह रहा था। माना जा रहा है कि इस जांच से कई प्रभावशाली नाम सामने आ सकते हैं।
SP Abhishek Bhartiya Auraiya:
“बांग्लादेशी प्रकरण की नए सिरे से जांच शुरू कर दी गई है। मैं स्वयं मॉनीटरिंग कर रहा हूँ और जल्द बड़ा खुलासा होगा।”
कानून का शिकंजा
भारत में बिना अनुमति प्रवेश और निवास करना गंभीर अपराध है। विदेशी नागरिक अधिनियम और पासपोर्ट अधिनियम के तहत इस्लाम पर कार्रवाई तय है। लेकिन जांच यहीं तक सीमित नहीं रहेगी। यदि अन्य बांग्लादेशियों की मौजूदगी और स्थानीय लोगों की संलिप्तता साबित होती है तो उन पर भी सख्त कार्रवाई होगी।


औरैया बांग्लादेशी प्रकरण अब सिर्फ एक गिरफ्तारी तक सीमित नहीं है। यह मामला प्रशासनिक लापरवाही, वोट बैंक की राजनीति और सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़ा कर रहा है। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे नए नाम और राज सामने आएंगे। पूरा जिला इस जांच के नतीजे पर निगाहें गड़ाए बैठा है।




