रिपोर्ट:आयुष गुप्ता(छोटू)
औरैया: सैनिकों और शहीदों के लिए काम करने वाली संस्था भारत प्रेरणा मंच ने कार्यक्रम आयोजित कर 1971 में देश को जीत का तोहफा देने वाले सैनिकों को सलामी दी। क्रांतिकारियों के द्रोण के नाम से विख्यात पं गेंदालाल दीक्षित को भी बलिदान शताब्दी वर्ष के मौके पर याद किया गया। शुरुआत क्रांतिकारी पं गेंदालाल की तस्वीर पर माल्यार्पण से हुई। मुख्यअतिथि समाजसेवी लालजी शुक्ला ने कहा कि औरैया पं गेंदालाल के बलिदान को समझता है। हमारे शहर को अपनी कर्मभूमि बना कर उन्होंने जो सम्मान दिया उसे हम सब सलाम करते हैं। इसीलिए भारत प्रेरणा मंच के आवाहन पर नगरपालिका की ओर से उनकी प्रतिमा प्रमुख चौराहे पर स्थापित की गई है। मंच के महासचिव अविनाश अग्निहोत्री ने भारतीय सेना को 1971 में हासिल हुये गौरव को विस्तार से बताया।
उन्होंने पं गेंदालाल दीक्षित द्वारा बनाई गई मातृवेदी संस्था के कार्यों को भी बताया। काव्यगोष्ठी की शुरुआत गीता चतुर्वेदी ने सरस्वती वंदना से की। गोपाल पांडेय ने देश के लिए जिन्होंने दांव पर लगाई जान कविता सुनाकर देशभक्ति का जज्बा जाग्रत किया। इति शिवहरे ने हमारा देश हमसे है,हमारे देश से हैं हम,विवेक राज बेदर्द ने कभी चुनौती दे मत देना वर्दी हिंदुस्तानी को,शशांक मिश्रा ने हमे हर हाल में अपना हुनर आबाद करना है,प्रशांत अवस्थी ने मेरा दिल गुनगुनाता है कविता पढ़ी। वरिष्ठ कवि पँथनारायन पांडेय ने देखि के देश की दीन दशा उर द्रोही स्वरूप धरे न धरे,व शायर अयाज अहमद ने लड़ाकर हमको आपस मे सियासत मार डालेगी गजल पर तालियां बटोरी। हरिशंकर मिश्र व डॉ गोविंद द्विवेदी के साहित्यिक गीतों को सराहा गया। संचालन अजय अंजाम ने किया। अध्यक्षता रामस्वरूप दीक्षित ने की। पूर्व सैनिक गिरेंद्र सिंह,ज्ञान सक्सेना,डॉ सक्षम सेंगर,डॉ गौरव वर्मा,आनंद नाथ गुप्त,मयंक पोरवाल मौजूद थे। कार्यक्रम में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी कृष्ण बलदेव वर्मा की पुत्रवधू को सम्मानित किया गया।
देश के लिए बलिदान होने वालों को किया सलाम,क्रांतिवीर गेंदालाल दीक्षित को किया याद
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