September 23, 2023
उत्तर प्रदेश पुलिस की ATS टीम ने एक बड़े धर्मान्तरण रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए 2 आरोपियों को किया गिरफ्तार

आरोपियों की पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम के रूप में हुई है। दोनों दक्षिणी दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले हैं

लखनऊ: उत्तर प्रदेश पुलिस की एटीएस(ATS) टीम ने एक बड़े धर्मान्तरण रैकेट का भंडाफोड़ करते हुए सोमवार को दो लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों की पहचान मुफ्ती काजी जहांगीर कासमी और मोहम्मद उमर गौतम के रूप में हुई है। दोनों साउथ दिल्ली के जामिया नगर के रहने वाले हैं। मोहम्मद उमर गौतम नें पूछताछ के दौरान बताया कि उसने भी हिन्दू धर्म को छोड़कर इस्लाम धर्म को स्वीकार किया है।इस सम्बन्ध में यूपी पुलिस ने कहा कि रैकेट में मूक बधिर बच्चों,महिलाओं व दूसरे धर्म के लोगों को डरा-धमकाकर बल पूर्वक, पैसे और नौकरी का लालच देकर, झूठ बोलकर और मानसिक दबाव बनाकर इस्लाम में धर्मांतरण शामिल था और अब तक 1,000 से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन किया जा चुका है। पुलिस ने कहा कि नोएडा के एक मूक-बधिर स्कूल के एक दर्जन से अधिक बच्चों का भी धर्म परिवर्तन कराया गया।

राज्य के नए धर्मांतरण विरोधी कानून के तहत गोमतीनगर थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। एफआईआर में ‘इस्लामिक दावा सेंटर’ के चेयरमैन का भी नाम है। इसी FIR पर छानबीन करते हुए UP ATS ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है ।

उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था) प्रशांत कुमार ने कहा कि उनके पास इस बात के पुख्ते सबूत हैं कि इस  रैकेट को विदेशों से फंडिंग की जा रही थी। उन्होंने आगे कहा कि उन्हें इस रैकेट के सम्बन्ध में महत्वपूर्ण सबूत और विदेशी फंडिंग के दस्तावेज मिले हैं।इस  रैकेट में  धर्म परिवर्तन कराने का काम किया जा रहा था । अब तक 1,000 से अधिक लोगों का धर्म परिवर्तन किया जा चुका है। पुलिस ने कहा कि नोएडा के एक मूक-बधिर स्कूल के एक दर्जन से अधिक बच्चों का भी धर्म परिवर्तन कराया गया।

ऐसा ही एक मामला कानपुर के कल्याणपुर में रहने वाले एक दंपति के मूक-बधिर बेटे का धर्म परिवर्तन कर दक्षिण भारत भेज दिया गया। ऐसे हजारों मामले सामने आए हैं। लोगों को धर्मांतरण के बदले पैसे और नौकरी देने का वादा किया गया था।

इस रैकेट में गिरफ्तार आरोपियों के साथ-2 और भी लोगो के संलिप्त  होने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल, गिरफ्तार आरोपियों से जानकारी जुटाई जा रही है। इन्हें फंडिंग कहां-कहां से होती थी? इस तरह के तमाम ऐसे सवाल हैं, जिन्हें लेकर एटीएस पूछताछ कर रही है।

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