औरैया टाइम्स ब्यूरो : उत्तर प्रदेश का औरैया जिला न सिर्फ अपनी औद्योगिक पहचान बल्कि समृद्ध धार्मिक विरासत के लिए भी जाना जाता है। इस क्षेत्र में कई ऐसे प्राचीन और चमत्कारी देव स्थान हैं, जहाँ वर्षभर भक्तों का तांता लगा रहता है। विशेष पर्वों और त्योहारों पर यहाँ इतनी भारी भीड़ उमड़ती है कि प्रशासन को अतिरिक्त व्यवस्था करनी पड़ती है।


अगर आप औरैया जिले के आस्था के इन प्रमुख केंद्रों का दर्शन करना चाहते हैं, तो यहाँ हैं औरैया के 5 सबसे प्रसिद्ध देव-स्थान जहाँ सबसे अधिक भीड़ लगती है:
1. देवकली मंदिर (Devkali Mandir)
देवकली मंदिर औरैया के सबसे प्राचीन और प्रतिष्ठित मंदिरों में से एक है। यमुना नदी के तट पर स्थित यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान शिव को समर्पित है।



- धार्मिक महत्व: यहाँ स्थापित शिवलिंग को लेकर मान्यता है कि यह हर वर्ष जौ के दाने के बराबर बढ़ता है। श्रावण मास (सावन) और महाशिवरात्रि के दौरान यहाँ लाखों शिव भक्त दूर-दूर से जलाभिषेक करने आते हैं।
- इतिहास: माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण कन्नौज के राजा जयचंद ने अपनी बहन देवकला के लिए करवाया था। इसकी प्राचीनता इसे जिले का सबसे महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल बनाती है।
- भीड़ का कारण: चमत्कारी शिवलिंग के दर्शन और सावन के महीने में लगने वाला विशाल मेला।
2. श्री मंगला काली मंदिर (Shree Mangla Kali Mandir)
मंगला काली मंदिर जिले के बीहड़ क्षेत्र में स्थित एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है, जो मां मंगला काली को समर्पित है।

- धार्मिक महत्व: यह मंदिर अपनी उग्र शक्ति और मनोकामनाएं पूरी करने वाली देवी के रूप में जाना जाता है। यहाँ मंगलवार और नवरात्रि के दिनों में विशेष पूजा-अर्चना होती है।
- विशेषता: मंदिर का शांत लेकिन शक्तिशाली वातावरण भक्तों को गहरी आस्था से जोड़ता है। नवरात्रि में यहाँ भव्य उत्सव का आयोजन होता है, जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालु भाग लेते हैं।
- भीड़ का कारण: शक्तिपीठ होने की मान्यता और मंगलवार के दिन विशेष दर्शन के लिए भक्तों की लंबी कतारें।
3. साईं मंदिर (Sai Mandir)
औरैया शहर से करीब 300 मीटर की दूरी पर, नहर पुल (NH-2) के पास स्थित यह भव्य मंदिर शिरडी के साईं बाबा को समर्पित है। इसका निर्माण साईं धर्मशाला के साथ हुआ है, जो इसे जिले में आधुनिक आस्था का एक प्रमुख और शांत केंद्र बनाता है।



- धार्मिक महत्व: भक्तों का मानना है कि साईं बाबा यहाँ आने वाले हर भक्त की इच्छा पूरी करते हैं और उन्हें शांति प्रदान करते हैं। इस मंदिर की स्थापना से पहले औरैया और आस-पास के क्षेत्रों में कोई बड़ा साईं मंदिर नहीं था, इसलिए इसका महत्व और भी अधिक है।
- विशेषता: मंदिर परिसर में नियमित रूप से भजन-कीर्तन और आरती का आयोजन होता है। इसके अलावा, यमुनोत्री धाम सेवा ट्रस्ट के तहत, यहाँ आयुष्मान कार्ड धारकों को निशुल्क भोजन और वस्त्र भी उपलब्ध कराए जाते हैं, जो इसके आध्यात्मिक महत्व के साथ-साथ सामाजिक सेवा को भी दर्शाता है।
- भीड़ का कारण: विशेष रूप से हर गुरुवार को साईं बाबा के दर्शन, विशेष पूजा और यहाँ आयोजित होने वाले विशाल भंडारे में शामिल होने के लिए भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है।
4. फूलमती माता मंदिर (Phoolmati Mata Temple)
शहर के केंद्र के करीब स्थित फूलमती माता मंदिर स्थानीय निवासियों की गहरी आस्था का प्रतीक है।

- धार्मिक महत्व: यह मंदिर स्थानीय देवी माता फूलमती को समर्पित है, जिन्हें संकटों से बचाने वाली और सुख-समृद्धि प्रदान करने वाली माना जाता है।
- विशेषता: खासकर महिलाओं और बच्चों के बीच यह मंदिर बहुत लोकप्रिय है। लोग अपनी मन्नतें पूरी होने पर यहाँ विशेष पूजा और भेंट अर्पित करते हैं।
- भीड़ का कारण: स्थानीय देवी के प्रति अटूट विश्वास और पारिवारिक समारोहों तथा छोटे-मोटे त्योहारों पर पूजा के लिए नियमित रूप से भीड़।
5. संकट मोचन हनुमान मंदिर (Sankat Mochan Hanuman Mandir)
संकट मोचन हनुमान मंदिर औरैया में भगवान हनुमान के सबसे पूजनीय स्थलों में से एक है।

- धार्मिक महत्व: जैसा कि नाम से पता चलता है, यह मंदिर भक्तों के सभी संकटों और कष्टों को दूर करने के लिए प्रसिद्ध है।
- विशेषता: मंगलवार और शनिवार को यहाँ विशेष आरती और भजन-कीर्तन का आयोजन होता है। हनुमान चालीसा के पाठ के लिए लोग सुबह और शाम बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं।
- भीड़ का कारण: मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी के दर्शन और पूजा के लिए उमड़ने वाली भीड़।
औरैया के ये टॉप 5 देव स्थान केवल पूजा स्थल नहीं हैं, बल्कि ये जिले की संस्कृति और आस्था के स्तंभ हैं। चाहे वह देवकली मंदिर का प्राचीन शिवलिंग हो या पचनदा का पवित्र संगम, ये स्थान हर दिन हजारों भक्तों को आध्यात्मिक शांति प्रदान करते हैं। यदि आप औरैया आ रहे हैं, तो इन पवित्र और भीड़-भाड़ वाले स्थलों के दर्शन का अनुभव अवश्य लें।



