September 23, 2023
औरैया: 'मुलायम के गढ़' में कमल की लुटिया डुबोने के लिए साइकिल बेताब

रिपोर्ट- आयुष गुप्ता(छोटू),औरैया- उत्तर प्रदेश की राजनीति में चाहे विधानसभा का चुनाव हो या फिर एमएलसी तथा सांसद के अलावा जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव, इन सभी चुनाव पर सभी दलों की निगाहें सपा मुखिया अखिलेश यादव के गढ़ पर रहती हैं। यही वजह है कि इस बार भी जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में भाजपा समेत अन्य दलों की निगाहें इटावा,औरैया समेत पड़ोसी जनपदों कन्नौज, मैनपुरी पर भी लगी हुई है। अब किसके सिर ताज बधेगा,यह तो आने वाला वक्त बताएगा ।

औरैया में खोए हुए वजूद को वापस पाने के लिए समाजवादियों ने डाला डेरा-

जिस तरह से खोई हुई सीट को वापस करने के लिए सपाइयों ने जनपद में डेरा डाल लिया उससे यही माना जा रहा है कि अबकी बार औरैया में सपा का ही जिला पंचायत अध्यक्ष बनेगा। यह अलग बात है कि बुधवार को भाजपा ने भी अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। अब कमल चुनाव चिन्ह के सहारे भाजपा अपने कमल दोहरे को चुनाव जिताना चाहती है।

उत्तर प्रदेश की राजनीति का हिस्सा माने जाने वाले इटावा व औरैया जनपद का सियासी रसूख समाजवादी सरकार में अलग माना जाता है। जब-जब प्रदेश में सपा की सरकार बनी है तो औरैया इटावा के साथ-साथ कन्नौज व मैनपुरी को भी समाजवादी सरकार का गढ़ माना जाता है। सूत्रों के अनुसार सपा की सरकार में इन 4 जनपदों को खास तवज्जो मिलती रही है, क्योंकि औरैया जनपद से मौजूदा समय में एमएलसी एवं वर्तमान में जेल में निरुद्ध डॉ कमलेश पाठक सपा संरक्षक पूर्व रक्षा मंत्री मुलायम सिंह यादव के खासम खास दोस्त रहे हैं। इतना ही नहीं जब भी सपा की सरकार बनी है तो उन्हें मिनी मुख्यमंत्री का दर्जा दिया गया है। इसके अलावा इटावा तो मुलायम सिंह यादव का क्षेत्र हैं। इसके साथ ही मैनपुरी पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव  के पिता का संसदीय क्षेत्र तो दूसरी तरफ कन्नौज अखिलेश का संसदीय क्षेत्र रहा है, यहां से वह खुद सांसद रहने के अलावा उनकी पत्नी डिंपल यादव सांसद  भी रही। सूबे में भले ही सत्ता परिवर्तन हो जाए लेकिन इन 4 जनपदों की सीटों पर होने वाले हर चुनाव पर अलग-अलग दलों की नजर रहती है। वर्तमान में भाजपा की सरकार है और मौजूदा समय में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस चुनाव में पूरी नजर गड़ाए हुए रह हैं। ऐसे में यहां यह बात कहना कतई गलत नहीं होगा कि इटावा,औरैया के अलावा कन्नौज व मैनपुरी में होने वाले जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव पर पूरी नजर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के अलावा मंत्रियों व विधायकों की लगी हुई है।

जिला पंचायत अध्यक्ष के चुनाव को सपा मान रही सेमीफाइनल, 2022 की तैयारी शुरू-

औरैया जनपद में 23 सीट है। जिसमें से 10 सीट सपा के पाले में जबकि भाजपा के पास चार और बसपा के पास चार है, जबकि तीन निर्दलीय उम्मीदवार है इसके अतिरिक्त अन्य सीटों सपा से बगावत करके कुछ लोग चुनाव लड़े हैं और जीत कर भी आए हैं । बुधवार को भाजपा ने अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया है। भाजपा ने कमल चुनाव चिन्ह के सहारे बिधूना सीट से चुनाव लड़ कर आए एक युवा उम्मीदवार कमल दोहरे को टिकट दिया है जबकि इसके पहले सपा ने भी भागयनगर सीट से चुनाव जीतकर आए रवि दोहरे पर अपना दांव खेला है। अब उम्मीद जताई जा रही है कि शायद बसपा भी नामांकन से पहले गुरुवार को अपने पत्ते खोल दे लेकिन सवाल यह भी है कि 4 वोटों के सहारे बसपा कैसे इस चुनाव मैदान में आएगी। फिलहाल भाजपा और सपा में ही टकराव दिख रहा है। कुल मिलाकर समाजवादियों ने अपने किले को बचाने के लिए पूरी घेराबंदी कर रखी है। अब देखना यह है कि चुनाव वाले दिन किसके सिर जीत का सेहरा बंधता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *