औरैया: वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में, अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण हेतु चलाए जा रहे विशेष अभियान के क्रम में, पुलिस अधीक्षक औरैया के नेतृत्व में दिनांक 13 नवंबर 2025 को यह महत्वपूर्ण कार्रवाई की गई। थाना बेला व साइबर सेल/सर्विलांस/एसओजी की एक संयुक्त पुलिस टीम को मुखबिर से सटीक सूचना प्राप्त हुई।


सूचना के अनुसार, ग्राम अमृतपुर की बम्बा पटरी पर छहरी पुलिया के पास कुछ व्यक्ति अपनी गाड़ियों में बैठकर फ़ोन और लैपटॉप के माध्यम से साइबर फ्रॉड को अंजाम दे रहे थे। त्वरित दबिश देकर पुलिस टीम ने मौके से दो संदिग्ध वाहनों में बैठे तीन अभियुक्तों को हिरासत में लिया।
साइबर फ्रॉड गिरोह का कार्य करने का तरीका (Modus Operandi)
पूछताछ में गिरफ्तार अभियुक्तों ने ठगी के पूरे मॉड्यूल का खुलासा किया। उनका मुख्य निशाना वे लोग होते थे, जो सरकारी योजनाओं का लाभ लेने के इच्छुक होते थे।
- फर्जी ऑनलाइन प्रचार: गिरोह के सदस्य लैपटॉप और मोबाइल का उपयोग करके फ़ेसबुक पर ‘प्रधानमंत्री कुसुम योजना’ और ‘प्रधानमंत्री जनऔषधि परियोजना’ के नाम से आकर्षक पेज बनाते थे।
- विश्वास जीतना: इन पेजों पर ये अपने मोबाइल नंबर को हेल्पलाइन नंबर के रूप में अंकित करते थे।
- दस्तावेज़ मांगना और फर्जीवाड़ा: योजना में रुचि दिखाने वाले ग्राहकों से वॉट्सएप के माध्यम से उनके निजी दस्तावेज़ मंगाए जाते थे। इसके बाद, फर्जी मुहरों का इस्तेमाल करके फर्जी अप्रूवल लेटर (Approval Letter) और बिल/इनवॉइस की PDF फाइल बनाकर ग्राहकों को भेज दी जाती थी।
- वित्तीय धोखाधड़ी: फर्जी सरकारी दस्तावेज़ों पर विश्वास करके ग्राहक गिरोह के बैंक खातों में पैसे ट्रांसफर कर देते थे, जिससे ये लोग धोखाधड़ी को अंजाम देते थे।
अंतर्राज्यीय सक्रियता: 26 शिकायतें और नेटवर्क
अभियुक्तों द्वारा संचालित मोबाइल नंबरों के विरुद्ध एनसीआरपी पोर्टल (NCRP Portal – नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल) पर साइबर फ्रॉड से संबंधित कुल 26 शिकायतें दर्ज हैं। यह तथ्य इस गिरोह की सक्रियता के व्यापक दायरे को दर्शाता है।


दर्ज शिकायतों का संबंध उत्तर प्रदेश के अतिरिक्त बिहार, छत्तीसगढ़, पंजाब और मध्य प्रदेश जैसे कई राज्यों से है, जो इस बात की पुष्टि करता है कि यह एक अंतर्राज्यीय साइबर फ्रॉड गिरोह था। औरैया साइबर थाना अब संबंधित राज्यों के थानों से समन्वय स्थापित कर अग्रिम विधिक कार्रवाई कर रहा है।
थाना बेला व साइबर सेल/सर्विलांस/एसओजी की संयुक्त पुलिस टीम द्वारा अन्तर्राज्यीय साइबर फ्राड करने वाले गिरोह के 03 नफर अभियुक्तगण को किया गया गिरफ्तार ,कब्जे से कुल 9,21,000/रुपये नकद, दो कार (1. टाटा कर्व बिना नम्बर प्लेट व 2. महिन्द्रा XUV 300 UP79AB 3455), एक लेपटॉप , 3… https://t.co/A9L559le4U pic.twitter.com/Rm5E7C8zgQ
— Auraiya Police (@auraiyapolice) November 13, 2025
बरामदगी का विस्तृत विवरण
पुलिस ने घटनास्थल से अपराध में प्रयुक्त और अवैध रूप से अर्जित संपत्ति को बरामद किया है:


- नकद धनराशि: ₹9,21,000/- (नौ लाख इक्कीश हजार रुपये)
- वाहन: 02 कारें (Tata Curvv – बिना नंबर, Mahindra XUV 300 – UP79AB 3455)
- इलेक्ट्रॉनिक उपकरण: 01 लैपटॉप, 03 पैनड्राइव, 06 मोबाइल फोन
- फर्जी दस्तावेज/पहचान पत्र: 04 फर्जी मोहरें, 01 किसान यूनियन आई कार्ड, 02 ड्राइविंग लाइसेंस, 04 आधार कार्ड, 02 पैन कार्ड, 04 डेबिट व क्रेडिट कार्ड

गिरफ्तार अभियुक्तों का आपराधिक इतिहास
गिरफ्तार अभियुक्तों का पूर्व में भी आपराधिक इतिहास रहा है, जो उनकी संगठित आपराधिक प्रवृत्ति को उजागर करता है:
- शिव प्रताप उर्फ रवि: दिल्ली और औरैया समेत अन्य जनपदों में पहले से ही धोखाधड़ी (धारा 420) और आईटी एक्ट के तहत मामले दर्ज।
- जितेंद्र सिंह उर्फ मिथुन: आगरा और औरैया में धोखाधड़ी और बिजली चोरी से संबंधित धाराओं में अभियोग पंजीकृत।
- राहुल: फिरोजाबाद जनपद में धोखाधड़ी (धारा 406/420) तथा दुर्घटना संबंधी धाराओं में मामले दर्ज।
औरैया पुलिस की जनता से अपील: साइबर सेल, औरैया, जनता से अपील करती है कि किसी भी प्रकार की सरकारी योजना या लालच में आकर अपने बैंक खाते की गोपनीय जानकारी या एक्सेस किसी भी अज्ञात व्यक्ति को न दें। किसी भी साइबर फ्रॉड की घटना होने पर तुरंत साइबर हेल्पलाइन नंबर 1930 पर कॉल करें या अविलंब निकटतम थाने/साइबर थाना औरैया से संपर्क करें।




